छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में एक बड़ा मोड़ आया है। विशेष पीएमएलए अदालत ने इस घोटाले से जुड़े आठ कंपनियों और व्यापारिक संस्थाओं के खिलाफ संज्ञान लेते हुए न्यायिक कार्रवाई को मंजूरी दे दी है। यह फैसला इस घोटाले की जांच और अभियोजन को तेज करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
विशेष पीएमएलए अदालत ने अनवर ढेबर की ओर से दाखिल धारा 190 सीआरपीसी याचिका को स्वीकार कर लिया है। इस मामले में वेलकम डिस्टिलरीज़, भाटिया वाइन मर्चेंट्स, सीजी डिस्टिलरीज़, एम/एस नेक्स्ट जेन, दिशिता वेंचर्स, ओम साईं बेवरेजेज, सिद्धार्थ सिंघानिया और एम/एस टॉप सिक्योरिटीज को आरोपी बनाया गया है।
SEOIACB के अधिकारी का बयान, दस्तावेजों की जांच
राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (SEOIACB) के विशेष अभियोजन अधिकारी डॉ. सौरभ पांडे ने बताया कि अदालत द्वारा संज्ञान लिए जाने के बाद अब इस घोटाले की जांच और अभियोजन की कार्रवाई कानून के दायरे में और प्रभावी ढंग से आगे बढ़ेगी।
डॉ. सौरभ पांडे, विशेष अभियोजन अधिकारी: – “विशेष पीएमएलए अदालत का यह फैसला इस मामले में एक महत्वपूर्ण कानूनी पड़ाव है। अब आगे की कार्रवाई तेज होगी और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने की प्रक्रिया और मजबूत होगी।
ED की छापेमारी, बैंकिंग दस्तावेजों और संदिग्ध ट्रांजेक्शन
प्रवर्तन निदेशालय (ED) अब तक 2100 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध वसूली, फर्जी बिलिंग और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े दस्तावेजों का खुलासा कर चुका है। जांच एजेंसियों को संदेह है कि शराब कारोबारियों और सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं हुईं।
CrPC की धारा 190 के तहत मजिस्ट्रेट पुलिस रिपोर्ट, शिकायत या अन्य विश्वसनीय सूचना के आधार पर किसी भी अपराध पर संज्ञान ले सकता है। अब औपचारिक रूप से इस घोटाले की न्यायिक जांच शुरू हो चुकी है।
29 नवंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए अनवर ढेबर को मिली जमानत को रद्द कर दिया था। शीर्ष अदालत ने साफ किया कि बड़े आर्थिक अपराधों में लिप्त आरोपी केवल स्वास्थ्य आधार पर राहत नहीं पा सकते, जब तक कि कोई सरकारी चिकित्सा बोर्ड इसकी पुष्टि न करे।
सूत्रों के अनुसार, अब इस मामले में सम्मन जारी करने, वित्तीय ऑडिट और पीएमएलए प्रावधानों के तहत संपत्तियों की कुर्की की प्रक्रिया तेज हो सकती है। जांच एजेंसियों के पास कई संदिग्ध बैंक लेन-देन से जुड़े ठोस सबूत हैं। अदालत की अगली सुनवाई में इस घोटाले से जुड़े अन्य प्रमुख आरोपियों की भूमिका की भी समीक्षा की जा सकती है। फिलहाल इस पूरे मामले की जांच जारी है।