Cg voice News फर्जी अंकसूची से नौकरी:- आरोपी को मिली सश्रम करावास की सजा,जांजगीर प्रथम श्रेणी न्यायालय सीमा कंवर का फैसला…..

Cg voice News फर्जी अंकसूची से नौकरी:- आरोपी को मिली सश्रम करावास की सजा,जांजगीर प्रथम श्रेणी न्यायालय सीमा कंवर का फैसला।
जांजगीर चांपा/ जिला न्यायालय जांजगीर प्रथम श्रेणी सीमा कंवर ने फर्जी अंक सूची का उपयोग कर मुख्य अभियंता मिनीमाता हंसते बांगो परियोजना में एलडीसी के पद पर नौकरी के मामले में आरोपी रामकृष्ण राठौर को अलग अलग धाराओं में 3-3 वर्ष और 2 वर्ष सश्रम करावास एवं अर्थ दण्ड की सजा सुनाई गई है।
सहायक लोक अभियोजन अधिकारी एस अग्रवाल से मिली जानकारी अनुसार, आरोपी रामकृष्ण राठौर आदर्श हायर सेकेंडरी शाला सक्ति के अंक सूची के आधार पर 28/12/1984 में मुख्य अभियंता मिनी माता हसदेव बैंकॉक परियोजना विभाग में एलडीसी के पद पर रामकृष्ण राठौर पदस्थ था। जिसके बाद उसे शक्ति के सब डिवीजन नंदेली भाटा में पदस्थ था। जितेंद्र राठौर ने आरटीआई के तहत सक्ति कार्यालय में पदस्थ राम कृष्ण राठौर के नियुक्ति के संबंध में वर्ष 2015 में जानकारी निकली गई थी। जिसमें विभाग में जमा किए गए अंक सूची में जन्म तिथि 5/8/1958 लिखा हुआ था तब आरोपी द्वारा अपने विभाग में समस्त अनुसूची गुम होने का पत्र और शपथ पत्र तथा वास्तविक जन्म तिथि 05/08/1953 है अंक सूची में टूटी पूर्ण जन्म तिथि अंकित होने की जानकारी दी गई। वही विभाग ने गलत जानकारी देने पर आरोपी को 31/08/2015 को सेवननिवृत कर दिया गया।
वही जितेंद्र राठौर ने मामले की शिकायत जांजगीर थाना में की गई। जिसपर राम कृष्ण राठौर के खिलाफ धारा 420,467,468,471,201 ipc के तहत मामला दर्ज कर जांच किया गया। इस दौरान दाखिल खारिज संलग्न की गई जिसमें उसकी जन्म तिथि 5/08/1953 पाया गया। उसके कार्यरत विभाग से नियुक्ति समय जाम की गई अंक सूची के प्रति की जपती की गई साथ ही संबंधित शाला से कराए जाने वाले उक्त अनुसूची में उल्लेखनीय रोल नंबर और नाम के व्यक्ति द्वारा परीक्षा न दिलाना अनुसूची शाला द्वारा जारी न होना, विभाग सेवा पुस्तिका विभाग से जप्त की गई जिसमें जन्मतिथि अलग-अलग समय पर होना पाया गया। इसके पक्ष न्यायालय में चलन पेश किया गया।
प्रथम श्रेणी न्यायालय जांजगीर में गवाहों का परीक्षण उपरांत आरोपी रामकृष्ण राठौर को फर्जी अंक सूचित तैयार कर नौकरी प्राप्त करने सेवा पुस्तिका में मिथ्या जन्म वर्ष अंकित करवाने असल साक्षी छुपाने का दोषी पाया गया। आरोपी द्वारा अच्छा रचित दस्तावेज तैयार कर शासकीय सेवा में वह स्थापना प्राप्त करने एवं कई वर्षों तक लाभांश अर्चित करने को एक गंभीर अपराध मानते हुए अलग-अलग धाराओं में तीन-तीन वर्ष और 2 वर्ष सश्रम करावास अर्थ दंड की राशि से दंडित किया गया है अर्थ दण्ड की राशि अदना करने पर पृथक से करवा का आदेश जारी किया।