1.01लखा रु की नकली लूट की साजिश का खुलासा:- मालिक की इस बात को लेकर नाराज वर्करों ने रची थी कहानी क्या है पूरा मामला…
राजनांदगांव के डोंगरगढ़ में एक फर्जी लूट की साजिश का खुलासा हुआ है। काम को लेकर मालिक की डांट से नाराज दो वर्करों ने 1.01 लाख रुपये हड़पने की योजना बनाई और लूट की झूठी रिपोर्ट दर्ज करा दी। लेकिन पुलिस की सख्ती के आगे उनकी साजिश ज्यादा देर तक नहीं टिक सकी। पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि उसके नाबालिग साथी को बाल न्यायालय भेजा गया है।
राजनांदगांव निवासी व्यापारी स्पनील गुप्ता के दो वर्कर धनराज सिन्हा और उसका नाबालिग भांजा 5 मार्च को कारोबार का पैसा लेकर डोंगरगढ़ से लौट रहे थे। तभी उन्होंने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई कि प्रज्ञागिरी हनुमान मंदिर के पास चार अज्ञात बदमाशों ने उनकी गाड़ी रोककर मारपीट की, चाकू दिखाकर धमकाया और 1.01 लाख रुपये व एक मोबाइल लूटकर फरार हो गए।
पुलिस ने जब दोनों वर्करों से अलग-अलग पूछताछ की तो उनके बयान मेल नहीं खा रहे थे। बार-बार सवाल करने पर वे गोलमोल जवाब देने लगे, जिससे पुलिस को संदेह हुआ। सख्ती से पूछने पर दोनों ने सच कबूल कर लिया।
पूछताछ में पता चला कि लूट की यह कहानी पूरी तरह फर्जी थी। दोनों आरोपियों ने खुद ही गाड़ी का शीशा तोड़ा और पैसों से भरा बैग व मोबाइल मंदिर के पास छिपा दिया था।
दरअसल, 4 मार्च को व्यापारी स्पनील गुप्ता के बड़े भाई अंकित गुप्ता ने धनराज को किसी काम को लेकर डांट दिया था। इससे गुस्से और लालच में आकर धनराज और उसके भांजे ने लूट की साजिश रची। 5 मार्च की रात उन्होंने खुद ही गाड़ी का शीशा तोड़ा और बैग व मोबाइल डोंगरगढ़ के प्रज्ञागिरी हनुमान मंदिर की पहाड़ी में छुपा दिया। इसके बाद राजनांदगांव जाकर मालिक से झूठी लूट की कहानी सुना दी।
जब पुलिस ने उनके बताए स्थान पर तलाशी ली, तो छिपाया गया पूरा पैसा और मोबाइल बरामद कर लिया। इसके बाद मुख्य आरोपी धनराज सिन्हा (22) को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जबकि नाबालिग को बाल न्यायालय भेज दिया गया।
फिलहाल पुलिस ने इस नकली लूट की साजिश का पर्दाफाश कर दिया है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।