जिले में डीएमएफ फंड के दुरुपयोग का आरोप,विधायक ब्यास कश्यप ने मुख्यमंत्री व कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, जांच की मांग…
जांजगीर-चांपा जिले में डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन (DMF) फंड के दुरुपयोग का मामला एक बार फिर तूल पकड़ने लगा है। जिले के विधायक ब्यास कश्यप ने मुख्यमंत्री और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर डीएमएफ फंड की जांच की मांग की है। ब्यास कश्यप ने कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के साथ-साथ वर्तमान प्रशासन पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं।
जिले में डीएमएफ फंड के तहत हर साल करोड़ों रुपये आते हैं, जो जिले के विकास कार्यों में खर्च किए जाने चाहिए। लेकिन विधायक ब्यास कश्यप का आरोप है कि यह राशि कहां खर्च हो रही है, इसकी कोई जानकारी जनप्रतिनिधियों तक को नहीं दी जाती। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में पदस्थ कलेक्टरों ने इस फंड में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां की और अपने करीबियों को फायदा पहुंचाया। अब वही आरोप बीजेपी सरकार के दौरान भी कलेक्टरों पर लग रहे हैं, जिससे मामले ने नया मोड़ ले लिया है।
विधायक ब्यास कश्यप ने इस मुद्दे को विधानसभा में भी उठाया था, लेकिन उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर 2024-25 और 2025-26 में हुए कार्यों की विस्तृत जांच की मांग की है। उन्होंने जांजगीर-चांपा कलेक्टर जनमेजय महोबे को भी पत्र लिखकर डीएमएफ से हुए निर्माण कार्यों, जैसे खोखरा में 3 करोड़ की लागत से बने खेल मैदान, सड़कों और भवनों की मरम्मत में हुई अनियमितताओं की जांच करने की मांग की है।
विधायक ने पूर्व कलेक्टरों पर डीएमएफ फंड को “पॉकेट मनी” की तरह इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और क्या वाकई डीएमएफ घोटाले की परतें खुलेंगी।
(विधायक ब्यास कश्यप की बाइट – “हमने पहले भी कांग्रेस सरकार में डीएमएफ घोटाले की बात उठाई थी। अब हमारी ही सरकार में भी इस फंड को लेकर पारदर्शिता नहीं है। हमने इसकी जांच की मांग की है।”)