दो माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण, शासन की पुनर्वास नीति से हुए प्रभावित….
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में माओवादियों के खिलाफ जारी पुलिस अभियान को एक और बड़ी सफलता मिली है। भैरमगढ़ और जगर्गुंडा एरिया कमेटी से जुड़े दो माओवादियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, संगठन की विचारधारा से मोहभंग, आंतरिक मतभेद और शासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर उन्होंने आत्मसमर्पण का निर्णय लिया।
आत्मसमर्पण करने वालों में सुखराम सोढ़ी ऊर्फ सुकड़ू और नारू ईरपा ऊर्फ नारायण शामिल हैं। सुखराम वर्ष 2015 से केशकुतुल आरपीसी मिलिशिया प्लाटून सदस्य के रूप में सक्रिय था, जबकि नारू ईरपा वर्ष 2021 से नेंड्रा आरपीसी मिलिशिया प्लाटून सदस्य था।
दोनों माओवादी लंबे समय से संगठन में थे, लेकिन अब वे हिंसा छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं। उन्हें छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास योजना के तहत 25-25 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई है।
सुखराम सोढ़ी कई नक्सली वारदातों में शामिल था, जिनमें सड़क अवरुद्ध करना, स्पाइक लगाना और पुलिस मूवमेंट में बाधा डालने जैसी घटनाएं शामिल हैं। वहीं, नारू ईरपा ने संगठन में भेदभाव और आदिवासियों पर हो रहे अत्याचारों से तंग आकर आत्मसमर्पण किया।
गौरतलब है कि वर्ष 2025 में अब तक 42 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं, 101 गिरफ्तार किए गए हैं और 56 माओवादी मुठभेड़ में मारे गए हैं। पुलिस और सुरक्षा बलों का यह अभियान आगे भी जारी रहेगा, जिससे और भी माओवादी आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में लौट सकें।