बीजेपी में बगावत! बागी प्रत्याशी बने सभापति, पार्टी अनुशासन की खुली पोल…..
कोरबा नगर निगम में सभापति चुनाव के दौरान भाजपा में बड़ी फूट सामने आई। पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी हितानंद अग्रवाल को नजरअंदाज कर बागी प्रत्याशी नूतन सिंह ठाकुर ने 33 वोटों से जीत दर्ज की। इस परिणाम ने बीजेपी संगठन की अंदरूनी कलह को उजागर कर दिया है।
चुनाव से पहले बीजेपी कार्यालय में बड़ी बैठक आयोजित की गई, जहां संगठन ने सभापति पद के लिए हितानंद अग्रवाल के नाम पर सहमति बनाने की कोशिश की। पर्यवेक्षक पुरेन्द्र मिश्रा के नेतृत्व में सभी पार्षदों को समझाने की कोशिश की गई, लेकिन पार्टी के बागी पार्षदों ने किसी की नहीं सुनी।
हमने संगठन के निर्देशों का पालन किया, लेकिन कुछ पार्षदों ने अलग राह चुन ली। यह पार्टी अनुशासन के लिए गंभीर विषय है।
मतदान में 68 वोट डाले गए, जिसमें
बागी प्रत्याशी नूतन सिंह ठाकुर को 33 वोट
बीजेपी प्रत्याशी हितानंद अग्रवाल को 18 वोट
निर्दलीय प्रत्याशी अब्दुल रहमान को 16 वोट मिले।
नूतन सिंह ठाकुर:- मैंने सभापति चुनाव के लिए टिकट मांगा था, लेकिन पार्टी ने नहीं दिया। इसलिए मैंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और पार्टी के ही पार्षदों ने मुझे विजयी बनाया।
इस नतीजे के बाद कांग्रेस ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी के पार्षद ही पार्टी से खुश नहीं हैं, इसलिए उन्होंने बागी प्रत्याशी को जिताया।
श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन:- यह बीजेपी की अंदरूनी कलह का नतीजा है। उनके पार्षद ही उनकी बात नहीं सुनते।
कोरबा नगर निगम चुनाव में बीजेपी को तगड़ा झटका लगा है। सभापति पद पर अपने ही बागी प्रत्याशी की जीत से पार्टी की अनुशासनहीनता उजागर हुई है। अब देखना यह होगा कि बीजेपी इस घटनाक्रम के बाद क्या रणनीति अपनाती है।