RSS की कर्नाटक बैठक: 5 प्रमुख बिंदु
RSS कर्नाटक बैठक:- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की तीन दिवसीय बैठक बेंगलुरु में संपन्न हुई। यह संघ की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है, जिसकी वार्षिक बैठक संघ के भविष्य के एजेंडे को निर्धारित करती है। बैठक में औरंगजेब विवाद, लोकसभा परिसीमन, तीन-भाषा फॉर्मूला, बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति और बीजेपी अध्यक्ष पद जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई।
1. औरंगजेब विवाद पर संघ का रुख,RSS कर्नाटक बैठक:
महाराष्ट्र में औरंगजेब को लेकर चल रहे विवाद पर संघ ने मुगल शासक की आलोचना की और दारा शिकोह की प्रशंसा की। RSS के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि “भारत के मूल्यों के खिलाफ जाने वाले लोगों को आदर्श बनाया गया, जबकि दारा शिकोह जैसे समाज सुधारकों को भुला दिया गया।”
2. लोकसभा सीटों के परिसीमन पर संघ का रुख,RSS कर्नाटक बैठक
संघ ने परिसीमन पर किसी ठोस निर्णय से बचते हुए कहा कि अभी यह प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है, इसलिए इस पर चर्चा करना जल्दबाजी होगी। संयुक्त महासचिव अरुण कुमार ने कहा कि परिसीमन पर जब केंद्र सरकार मसौदा तैयार करेगी, तभी इस पर गंभीर चर्चा की जा सकती है।
3. तीन-भाषा फॉर्मूला पर संतुलित रुख
संघ ने मातृभाषा को शिक्षा और संचार का प्राथमिक माध्यम बनाने की वकालत की। संघ के महासचिव सी.आर. मुकुंद ने कहा कि संघ किसी भाषा विवाद में नहीं पड़ना चाहता, लेकिन मातृभाषा का उपयोग अधिकतम बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि एक व्यक्ति को मातृभाषा, क्षेत्रीय भाषा और करियर भाषा (अंग्रेजी या कोई अन्य भाषा) सीखनी चाहिए।
4. बांग्लादेश में हिंदुओं पर पारित प्रस्ताव
संघ ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर गंभीर चिंता जताते हुए एक प्रस्ताव पारित किया। प्रस्ताव में कहा गया कि बांग्लादेश में हिंदुओं के धार्मिक स्थलों पर हमले, जबरन धर्मांतरण और हत्याओं के कारण हिंदू समुदाय संकट में है।
RSS कर्नाटक बैठक:- RSS ने भारत सरकार और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने का आग्रह किया। संघ महासचिव अरुण कुमार ने कहा कि “बांग्लादेश के हिंदुओं की जिम्मेदारी भारत की भी है, और इस कर्तव्य से हम पीछे नहीं हट सकते।”
5. बीजेपी अध्यक्ष पद पर संघ का बयान,RSS कर्नाटक बैठक
RSS ने स्पष्ट किया कि बीजेपी के नए अध्यक्ष के चयन में संघ की कोई भूमिका नहीं होगी। अरुण कुमार ने कहा कि “बीजेपी एक स्वतंत्र संगठन है और उसका नेतृत्व तय करने का अधिकार उसी के पास है।” इससे पहले संघ और बीजेपी के बीच मतभेद की अटकलें लगाई जा रही थीं, जिन्हें RSS ने खारिज कर दिया।