क्या बुमराह की कमर पर कोहली-रोहित की नाकामी ने बढ़ाया बोझ,सिडनी में डूब गई लुटिया मेलबर्न में फेंके 53 ओवर….
नई दिल्ली. जसप्रीत बुमराह ने भारत-ऑस्ट्रेलिया बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी टेस्ट सीरीज में सबसे अधिक विकेट झटके. प्लेयर ऑफ द सीरीज रहे. इसके बावजूद कि जब भारत को सिडनी टेस्ट में उनकी सबसे अधिक जरूरत थी तब यह खिलाड़ी चोटिल होकर ड्रेसिंग रूम में जा बैठा था. बुमराह को यह चोट कैसे लगी. चोट कितनी गंभीर है. ऐसे किसी सवाल का टीम मैनेजमेंट ने जवाब नहीं दिया है. वे कब तक मैदान पर लौटेंगे यह कोई नहीं जानता.
जसप्रीत बुमराह की चोट हर भारतीय क्रिकेट फैन को परेशान कर रही है. सवाल है कि क्या उनसे ऑस्ट्रेलिया में जरूरत से ज्यादा बॉलिंग करवाई गई. वो भी यह जानते हुए कि बुमराह को उनका बॉलिंग एक्शन इसकी इजाजत नहीं देता. वे इस समय भारत के लिए सबसे अहम खिलाड़ी हैं. फिर कप्तान और टीम मैनेजमेंट बुमराह का वर्कलोड क्यों नहीं तय कर पाया. बता दें कि बुमराह ने शुरुआती 4 टेस्ट मैच में
इन सवालों के जवाब ढूंढ़ने पर हमें बुमराह से ज्यादा गेंदबाजी कराने में टीम मैनेजमेंट की नाकामी से ज्यादा मजबूरी नजर आती है. भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के इस दौरे पर बार-बार छोटे स्कोर पर सिमट रही थी. विराट कोहली जैसा बैटर पूरी सीरीज में 200 रन भी नहीं बना सका. उनके बल्ले से 9 पारियों में सिर्फ 190 रन निकले. रोहित शर्मा (3 मैच में 31 रन) का बल्ला तो ऐसा खामोश हुआ कि कप्तान का पांचवें टेस्ट की प्लेइंग इलेवन से खुद ही बाहर होना पड़ गया. ऋषभ पंत भी उम्मीद पर खरे नहीं उतरे.
भारतीय बैटर्स की इन्हीं नाकामियों ने बॉलर्स पर बोझ डाला. बुमराह ना सिर्फ टीम के नंबर-1 बॉलर हैं, बल्कि पहले और आखिरी टेस्ट में कप्तानी भी उन्होंने ही की. ऐसे में अगर किसी एक खिलाड़ी पर इन दिग्गज बैटर्स की नाकामी का सबसे ज्यादा असर हुआ तो वह बुमराह ही थे. नतीजा जिस बुमराह को टीम मैनेजमेंट और कप्तान संभाल-संभालकर इस्तेमाल किया करते थे, वही खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मजदूरों (कपिल देव तेज गेंदबाजों को अक्सर मजदूर कहते हैं) की तरह लगा रहा.
BGT में पहले 4 टेस्ट के बाद सबसे ज्यादा बॉलिंग | ||
खिलाड़ी | ओवर | विकेट |
जसप्रीत बुमराह | 141.2 | 30 |
पैट कमिंस | 136.4 | 20 |
मिचेल स्टार्क | 131.2 | 15 |
मोहम्मद सिराज | 129.1 | 16 |
नाथन लायन | 116.4 | 8 |
आप टेबल में देख सकते हैं कि सिडनी टेस्ट से पहले जसप्रीत बुमराह सीरीज में सबसे अधिक ओवर डालने वाले बॉलर थे. ऐसा शायद पहली बार हुआ है जब बुमराह से भारतीय टीम ने इतनी ज्यादा बॉलिंग कराई. बुमराह की चोट के इतिहास को देखते हुए ऐसा करना कहीं से भी सही नहीं माना जाएगा. लेकिन ऐसा किया गया. बुमराह ने भी टीम के लिए जरूरत से ज्यादा बोझ उठाया. वे दो मैच में कप्तान थे और अपनी क्षमता के बारे में बखूबी जानते हैं. शायद उन्होंने भी इसीलिए खुद ही सबसे ज्यादा मोर्चा संभाला. जो भी हो, इसके लिए किसी खिलाड़ी या मैनेजमेंट को दोष देना ठीक नहीं होगा. लेकिन इतना तो कहा ही जा सकता है कि अगर भारतीय बैटिंग यूनिट ने उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन किया होता और स्कोर बोर्ड पर बड़े-बड़े स्कोर टांगे होते तो बुमराह पर बॉलिंग का इतना दबाव नहीं पड़ता.
सिडनी टेस्ट के बाद यानी सीरीज खत्म होने के बाद भी बुमराह के खाते में 908 गेंदें दर्ज थीं. उनसे ज्यादा गेंदें 3 गेंदबाजों पैट कमिंस, मिचेल स्टार्क और मोहम्मद सिराज ने ही की थीं. पैट कमिंस (1002) को छोड़ दें तो बुमराह और स्टार्क और सिराज के बीच ज्यादा अंतर नजर नहीं आता. स्टार्क ने सीरीज में बुमराह से 12 गेंद ज्यादा कीं तो सिराज ने 35 गेंद अधिक फेंकी. वह भी तब जब इन पेसर्स ने बुमराह के मुकाबले एक पारी अधिक खेली.